नारंगी रंग का दिखने वाला संतरा ठंडा, तन और मन को प्रसन्नता देने वाला फल है। यह जितना खाने में स्वादिष्ट होता है उतना ही स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। एक व्यक्ति को जितनी विटामिन ‘सी’ की आवश्यकता होती है, वह एक संतरें को प्रतिदिन खाते रहने से पूरी हो जाती है। संतरे के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है, चुस्ती-फुर्ती बढ़ती है, त्वचा में निखार आता है तथा सौंदर्य में वृद्धि होती है।
प्रस्तुत है इसके कुछ प्रयोग-
पौष्टिक गुण
1. संतरे का सेवन जहाँ जुकाम में राहत पहुँचाता है, वहीं सूखी खाँसी में भी फायदा करता है। यह कफ को पतला करके बाहर निकालता है।
2. संतरे में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी, लोहा और पोटेशियम काफी होता है। संतरे की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें विद्यमान फ्रुक्टोज, डेक्स्ट्रोज, खनिज एवं विटामिन, शरीर में पहुंचते ही ऊर्जा देना प्रारंभ कर देते हैं।
3. संतरे का एक गिलास रस तन-मन को शीतलता प्रदान कर थकान एवं तनाव दूर करता है, हृदय तथा मस्तिष्क को नई शक्ति व ताजगी से भर देता है।
4. पेचिश की शिकायत होने पर संतरे के रस में बकरी का दूध मिलाकर लेने से काफी फायदा मिलता है।
5. संतरे का नियमित सेवन करने से बवासीर की बीमारी में लाभ मिलता है। रक्तस्राव को रोकने की इसमें अद्भुत क्षमता है।
6. तेज बुखार में संतरे के रस का सेवन करने से तापमान कम हो जाता है। इसमें उपस्थित साइट्रिक अम्ल मूत्र रोगों और गुर्दा रोगों को दूर करता है।
7. दिल के मरीज को संतरे का रस शहद मिलाकर देने से आश्चर्यजनक लाभ मिलता है। 8. संतरे के सेवन से दाँतों और मसूड़ों के रोग भी दूर होते हैं।
9. छोटे बच्चों के लिए तो संतरे का रस अमृततुल्य है। उन्हें स्वस्थ व हृष्ट-पुष्ट बनाने के लिए दूध में चौथाई भाग मीठे संतरे का रस मिलाकर पिलाने से यह एक आदर्श टॉनिक का काम करता है।
10. जब बच्चों के दाँत निकलते हैं, तब उन्हें उल्टी होती है और हरे-पीले दस्त लगते हैं। उस समय संतरे का रस देने से उनकी बेचैनी दूर होती है तथा पाचन शक्ति भी बढ़ जाती है।
11. पेट में गैस, अपच, जोड़ों का दर्द, उच्च रक्तचाप, गठिया, बेरी-बेरी रोग में भी संतरे का सेवन बहुत कुछ लाभकारी होता है।
12. गर्भवती महिलाओं तथा यकृत रोग से ग्रसित महिलाओं के लिए संतरे का रस बहुत लाभकारी होता है। इसके सेवन से जहाँ प्रसव के समय होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है, वहीं प्रसव पीड़ा भी कम होती है। बच्चा स्वस्थ व हृष्ट-पुष्ट पैदा होता है।
13. संतरे के सूखे छिलकों का महीन चूर्ण गुलाब जल या कच्चे दूध में मिलाकर पीसकर आधे घंटे तक लेप लगाने से कुछ ही दिनों में चेहरा साफ, सुंदर और कांतिमान हो जाता है। कील मुँहासे-झाइयों व साँवलापन दूर होता है।
14. संतरे के ताजे फूल को पीसकर उसका रस सिर में लगाने से बालों की चमक बढ़ती है। बाल जल्दी बढ़ते हैं और उसका कालापन बढ़ता है।
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1. संतरे का सेवन जहाँ जुकाम में राहत पहुँचाता है, वहीं सूखी खाँसी में भी फायदा करता है। यह कफ को पतला करके बाहर निकालता है।
2. संतरे में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी, लोहा और पोटेशियम काफी होता है। संतरे की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें विद्यमान फ्रुक्टोज, डेक्स्ट्रोज, खनिज एवं विटामिन, शरीर में पहुंचते ही ऊर्जा देना प्रारंभ कर देते हैं।
3. संतरे का एक गिलास रस तन-मन को शीतलता प्रदान कर थकान एवं तनाव दूर करता है, हृदय तथा मस्तिष्क को नई शक्ति व ताजगी से भर देता है।
4. पेचिश की शिकायत होने पर संतरे के रस में बकरी का दूध मिलाकर लेने से काफी फायदा मिलता है।
5. संतरे का नियमित सेवन करने से बवासीर की बीमारी में लाभ मिलता है। रक्तस्राव को रोकने की इसमें अद्भुत क्षमता है।
6. तेज बुखार में संतरे के रस का सेवन करने से तापमान कम हो जाता है। इसमें उपस्थित साइट्रिक अम्ल मूत्र रोगों और गुर्दा रोगों को दूर करता है।
7. दिल के मरीज को संतरे का रस शहद मिलाकर देने से आश्चर्यजनक लाभ मिलता है। 8. संतरे के सेवन से दाँतों और मसूड़ों के रोग भी दूर होते हैं।
9. छोटे बच्चों के लिए तो संतरे का रस अमृततुल्य है। उन्हें स्वस्थ व हृष्ट-पुष्ट बनाने के लिए दूध में चौथाई भाग मीठे संतरे का रस मिलाकर पिलाने से यह एक आदर्श टॉनिक का काम करता है।
10. जब बच्चों के दाँत निकलते हैं, तब उन्हें उल्टी होती है और हरे-पीले दस्त लगते हैं। उस समय संतरे का रस देने से उनकी बेचैनी दूर होती है तथा पाचन शक्ति भी बढ़ जाती है।
11. पेट में गैस, अपच, जोड़ों का दर्द, उच्च रक्तचाप, गठिया, बेरी-बेरी रोग में भी संतरे का सेवन बहुत कुछ लाभकारी होता है।
12. गर्भवती महिलाओं तथा यकृत रोग से ग्रसित महिलाओं के लिए संतरे का रस बहुत लाभकारी होता है। इसके सेवन से जहाँ प्रसव के समय होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है, वहीं प्रसव पीड़ा भी कम होती है। बच्चा स्वस्थ व हृष्ट-पुष्ट पैदा होता है।
13. संतरे के सूखे छिलकों का महीन चूर्ण गुलाब जल या कच्चे दूध में मिलाकर पीसकर आधे घंटे तक लेप लगाने से कुछ ही दिनों में चेहरा साफ, सुंदर और कांतिमान हो जाता है। कील मुँहासे-झाइयों व साँवलापन दूर होता है।
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